Top 10 Interesting Facts jagannath Mandir, जगन्नाथ मंदिर का सबसे अनोखा रहस्य, जिसे जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे

Interesting Facts Jagannath Temple

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हमारा देश भारत जो रहस्य से भरा देश है। इस देश की सभ्यता जितनी पुरानी है लगभग उतना ही पुराना यहां की मंदिर है। हजारों साल से यहां पर खड़े मंदिर कई राज्य अपने अंदर छुपाए बैठे हैं। भारत में मौजूद कोई भी ऐसा मंदिर नहीं है। जिससे जुड़ा रहस्य वैज्ञानिकों को या फिर आम आदमी में चर्चा का विषय ना हो। आज हम आपको इस पोस्ट में जगन्नाथ मंदिर के बारे में कुछ ऐसे ही रोचक और मजेदार बात को बताएंगे जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे। जगन्नाथ मंदिर के रोचक तथ्यों के बारे में जानने के लिए यह पोस्ट को पूरा पढ़ें।

  • जगरनाथ मंदिर का रहस्य 
  • Jagarnath मंदिर का इतिहास 
  • जगरनाथ मंदिर का कहानी 

Interesting Facts Jagannath Temple

जगन्नाथ मंदिर जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि जब भगवान विष्णु चारों धामों पर बसे अपने धामों की यात्रा पर जाते हैं तो हिमालय की ऊंची चोटी पर बने अपने धाम बद्रीनाथ में स्नान करते हैं। पश्चिम में गुजरात के द्वारका में वस्त्र पहनते हैं और दक्षिण में रामेश्वर में विश्राम करते हैं। द्वापर के बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे और इस तरह बन गए जगरनाथ जगरनाथ।

पुरी का जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक माना जाता है। यह हिंदू की सबसे प्राचीन और पवित्र साथ नगरिया में से पुरी उड़ीसा राज्य किस समुद्री तट पर बसा हुआ है।

जगन्नाथ मंदिर विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण भगवान को समर्पित है।

जगन्नाथ मंदिर को पुराणों और धर्म ग्रंथ में धरती का बैकुंठ कहा जाता है। भगवान जगन्नाथ का मंदिर भगवान विष्णु के चार धाम में से एक माना जाता है। इसलिए इसे श्री क्षेत्र, श्री पुरुषोत्तम क्षेत्र, नीलांचल नीलगिरी, और श्री जगन्नाथपुरी भी कहा जाता है।

इस मंदिर का वर्णन कई ग्रंथों में मिलता है

आपको बता दें कि यह मंदिर जितना पुराना और प्राचीन है या उतना ही अनोखा मंदिर है इस मंदिर का वर्णन कई ग्रंथों में मिलता है स्कंद पुराण में पूरी धाम का भौगोलिक वर्णन मिलता है स्कंद पुराण के अनुसार पूरी एक दक्षिणावर्ती संघ की तरह है और जगन्नाथ मंदिर पांच कोष यानी 16 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। और यह भारत का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि इसका लगभग 2 कोस क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में डूब चुका है। जो कि इसका उदर है। समुंद्र की सुनहरी रेत जिसे महोदशी का पवित्र जल होता रहता है। आपको बता दें कि सिर वाला क्षेत्र पश्चिम दिशा में है जिसका रक्षा भगवान महादेव करते हैं।

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शंख के दूसरे घेरे में शिव का दूसरा ब्रह्म कपाल मोचन बृज मान है। माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा का 1 सिर महादेव की हथेली से चिपक गया था और वह यहीं आकर गिरा था तभी से यहां पर महादेव के ब्राह्मण रूप में पूजा करते हैं। संघ के तीसरी वृत्त में मां विमला और नाभि स्थल में भगवान जगन्नाथ रथ सिंहासन पर विराजमान रहते हैं।

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इस मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है जिसका सबसे पहला साक्षी महाभारत का वन पर्व है। कहा जाता है कि सबसे पहले सवर आदिवासी विश्वसु नील नील माधव के रूप में इनकी पूजा की थी। आज भी पूरी के मंदिरों में कई सेवक हैं। जिन्हें देतापंती के नाम से जाना जाता है।

जगन्नाथ मंदिर का निर्माण ईसा पूर्व 2 में हुआ था। जिसे राजा इंद्रयुमन ने बनवाया था। इनकी चर्चा कई ग्रंथों में की गई है और उनके यज्ञ के बारे में विस्तार से लिखा गया है। उन्होंने यहां कई विशाल यज्ञ किए और एक सरोवर बनवाया।

आज के वर्तमान में जो मंदिर है वह सातवीं शताब्दी में बनवाया गया था। यहां स्थित जगन्नाथ मंदिर तीन बार टूट चुका है। आपको बता दें कि 11 से 74 ईसवी में उड़ीसा के साथ-साथ अनेक भीमदेव ने इसका जिर्नर्द्वार करवाया था। इस मंदिर के आस पास लगभग 30 छोटे बड़े मंदिर स्थापित हैं। जगनाथ मंदिर के बारे में कई ऐसे रहस्य हैं जो वैज्ञानिक से भी परे हैं जिसे आज तक कोई सुझाव नहीं पाया है।

जगनाथ मंदिर का सबसे अनोखी बाते 

1. जगन्नाथ मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य यह है किस के शिखर पर स्थित झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। वैसे आमतौर पर दिन के समय हवा समुंद्र से धरती के तरफ चलती है। और शाम को यह हवा धरती से समुद्र की तरफ चलती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां यह प्रक्रिया उल्टी होती है। अब ऐसा क्यों होता है यह रहस्य आज दिन तक सुलझ नहीं पाया है

2. जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र लगा हुआ है। जिसके बारे में ऐसा कहा जाता है कि उसे किसी भी दिशा से खड़े होकर देखें तो वह आपके सिर के तरफ ही दिखाई देगा। यह एक अनोखा रहस्य है जिसे सुलझा नहीं में वैज्ञानिक में असफल रहे हैं।

3. आज तक जगन्नाथ मंदिर के शिखर की छाया कोई नहीं देख पाया है इस मंदिर के शिखर की छाया हमेशा दृश्य रहती है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर का छाया कभी नहीं बनी है और ना बनती हुई किसी ने देखा है।

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4. कहते हैं कि समुद्र की लहरें की आवाज मंदिर के अंदर किसी को भी सुनाई नहीं देती है जबकि समुंदर के पास ही यह मंदिर मौजूद है। और जैसे ही आप इस मंदिर से एक कदम बाहर निकालेंगे वैसे ही समुद्र की लहरें अस्पष्ट रुप से सुनाई पड़ती है।

5. आमतौर पर मंदिरों के ऊपर से पक्षी गुजरते हैं लेकिन जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से एक भी अच्छी नहीं गुजरते हैं। आज तक यहां से किसी को समझ नहीं आया है।

6. यह मंदिर के सबसे बड़ा रहस्य इस मंदिर की रसोई है। इस मंदिर की रसोई भी सबको हैरान कर देती है। दरअसल यहां भक्तों के लिए प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि सबसे ऊपर रखे बर्तन में ही प्रसाद जल्दी और सबसे पहले पकता है। फिर नीचे की तरफ एक के बाद एक बर्तन में रखा प्रसाद पकता जाता है।

इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि यहां पर हर दिन बनाने वाला प्रसाद भक्तों के बीच कभी कम नहीं पड़ता है चाहे 10 हजार से लेकर एक लाख तक भक्तों ही क्यों ना आ जाएं। और यहां सब को प्रसाद मिलता है। लेकिन जैसे ही मंदिर का द्वार बंद होता है वैसे ही प्रसाद भी खत्म हो जाता है।

दोस्तों जगन्नाथ मंदिर के इस रहस्य के लिए तो एक लाइक बनता है तो जल्दी से लाइक कर दें और इस पोस्ट को शेयर करना ना भूले मिलते हैं अगली पोस्ट के साथ धन्यवाद।

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