Magadh University News : मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद का निगरानी, कोर्ट में हुए सरेंडर कई माह से चल रहे थे फरार
मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद जी ने आखिरकार आत्मसमर्पण कर ही दिया है। आपको बता दी कि जा बहुत ही काफी दिनों से फरार चल रहे थे। पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने बुधवार को निगरानी कोर्ट में आत्मसमर्पण किया वहीं मगध विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्ति, और टेंडर घोटाला से मिटाने मामला भी करीब ₹300000000 के घोटाले का आरोप पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ लगा है।
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वहीं आर्थिक अनियमितता को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज भी हुआ है। अदालत से जमानत की याचिका रद्द होने के बाद निगरानी की टीम उनकी तलाश भी कर रही थी। लेकिन वह खुद कोर्ट में सरेंडर हो गए हैं।
कई गंभीर आरोपों के बाद नहीं मिली थी जमानत (Magadh University News)
जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि पूर्व कुलपति के खिलाफ प्राथमिकता दर्ज होने के बाद प्राथमिक साक्ष्य मिलने के बाद विशेष निगरानी इकाई दूसरे की इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर छापा भी मारा था। लेकिन छापामारी के दौरान इस व्यू को नगदी समेत कई अहम दस्तावेज और सबूत हाथ लगे थे।
इसके साथ ही राजेंद्र प्रसाद अपने पद से रसूख का इस्तेमाल कर विशेष निगरानी से बचते रहे और दबाव में आने के बाद उन्होंने मई 2022 में कुलपति के पद से इस्तीफा भी दे दिया। लेकिन इसी बीच राजेंद्र प्रसाद अग्रिम जमानत याचिका को लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गए। पर कोर्ट ने उनकी खारिज कर दी थी जिसके बाद वह निगरानी कॉल की तलाश थी और पूर्व कुलपति फरार चल रहे थे।
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लगातार पुलिस से फरार चल रहे थे राजेंद्र प्रसाद (Magadh Univesity News)
जानकारी के मुताबिक राजेंद्र प्रसाद पुलिस से लगातार फरार चल रहे थे। इधर निगरानी की स्पेशल बिजनेस यूनिट की टीम कुलपति राजेंद्र प्रसाद की गिरफ्तारी के लिए लगातार बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक छापामारी भी कर रही थी लेकिन कई प्रयासों के बावजूद भी कुलपति को गिरफ्तार नहीं हुआ। इस व्यू ने मामले की जांच अधिकारी को बदलने दिया इस मामले की जांच का जिम्मा एसपी स्तर के अधिकारी चंद्रभूषण को सौंपा गया इसके साथ ही स्पेक्टर स्तर के दो अधिकारी भी इस में लगाए गए।